बिहार विधानसभा चुनाव से पहले जेडीयू ने सीट को लेकर बड़ा बदलाव किया है। पार्टी ने अचानक फैसला लिया कि सबा जफर की जगह पूर्व राज्यसभा सांसद साबिर अली को उम्मीदवार बनाया जाए। अचानक लिए गए इस फैसले से राजनीति में हलचल मच गई है।
पार्टी के करीबी सूत्रों ने बताया कि जेडीयू ने यह फैसला विनिंग फैक्टर को ध्यान में रखते हुए लिया है। पार्टी को विश्वास है कि साबिर अली क्षेत्र में मजबूत पकड़ रखते हैं, मुस्लिम समुदाय में उनका विशेष महत्व है और उनकी छवि भी साफ-सुथरी है। यही साफ-सुथरी छवि उन्हें जीत सुनिश्चित करा सकती है।
ताजा जानकारी के अनुसार, सबा जफर आज नामांकन दाखिल करने वाली थीं, लेकिन उसी दिन जेडीयू ने साबिर अली को पार्टी में शामिल कर लिया और महज कुछ घंटे के अंदर ही उन्हें उम्मीदवार घोषित कर दिया।
जानकारी के लिए बता दें कि साबिर अली 2008 से 2014 तक राज्यसभा सांसद रह चुके हैं, इसलिए पार्टी का यह कोई नया उम्मीदवार नहीं है। वे लंबे समय तक जेडीयू से जुड़े रहे थे। हालांकि, बाद में कुछ समय के लिए बीजेपी में शामिल हुए, लेकिन फिर से जेडीयू में लौट आए।
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि नीतीश कुमार का यह फैसला उचित है।