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तेजस्वी यादव का वादा: बिहार के हर परिवार को सरकारी नौकरी, सच या झूठ?

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बिहार विधानसभा चुनाव से पहले आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि अगर उनकी सरकार बनती है, तो 20 दिनों के अंदर एक कमेटी बनाई जाएगी और 20 महीनों के भीतर बिहार के हर परिवार को एक सरकारी नौकरी दी जाएगी

चुनाव की तारीखों की घोषणा होते ही विभिन्न राजनीतिक पार्टियों द्वारा जनता को लुभाने के लिए तरह-तरह के वादे किए जा रहे हैं, जिनमें तेजस्वी यादव का यह वादा सबसे ज्यादा सुर्खियों में है। उनके इस ऐलान के बाद बिहार की सियासत में मानो भूचाल सा आ गया है। कई लोग इसे संभव मान रहे हैं, तो वहीं कई लोगों के मन में अब भी सस्पेंस बना हुआ है

अब आंकड़ों के हिसाब से समझने की कोशिश करते हैं कि क्या यह वादा व्यवहारिक रूप से संभव है या सिर्फ एक चुनावी बयान

बिहार में कुल 2 करोड़ 76 लाख परिवार रहते हैं। इनमें से लगभग 20 लाख लोग पहले से ही सरकारी नौकरी में कार्यरत हैं। यानी अब भी करीब 2 करोड़ 56 लाख ऐसे परिवार हैं, जिनके पास कोई सरकारी नौकरी नहीं है।

तेजस्वी यादव के इस वादे के अनुसार, बिहार सरकार को इन 2 करोड़ 56 लाख परिवारों को नौकरी देनी होगी। अगर प्रत्येक नौकरी का औसत वेतन ₹30,000 प्रति माह माना जाए, तो सरकार को हर वर्ष लगभग ₹9 लाख करोड़ रुपए की आवश्यकता होगी।

वहीं, बिहार सरकार का वर्तमान वार्षिक बजट मात्र ₹3 लाख करोड़ रुपए का है। ऐसे में अगर सरकार सभी विकास कार्यों को रोक भी दे, तब भी इतनी बड़ी राशि जुटाना असंभव सा लगता है

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इससे साफ होता है कि तेजस्वी यादव का यह वादा व्यावहारिक रूप से संभव नहीं दिखता। उन्होंने यह भी स्पष्ट नहीं किया है कि इस योजना को लागू करने के लिए पैसा कहां से आएगा और प्रक्रिया क्या होगी

अब सवाल यह उठता है कि क्या बिहार की जनता को ऐसे वादों पर भरोसा करना चाहिए या नहीं?
आपका क्या मानना है — क्या यह वादा हकीकत में बदलेगा या फिर यह सिर्फ एक चुनावी प्रलोभन है?
अपनी राय कमेंट सेक्शन में जरूर बताएं।

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