बरेली हिंसा: बीते शुक्रवार बरेली में हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद पुलिस ने सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। इस मामले का मास्टरमाइंड माने जाने वाले मौलाना तौकीर रजा और उनके समर्थकों पर पुलिस लगातार शिकंजा कस रही है।
पुलिस ने अब तक 72 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से तीन आरोपियों को एनकाउंटर के बाद पकड़ा गया। कई आरोपी पुलिस के डर से खुद सामने आकर माफी मांग रहे हैं। पकड़े गए कुछ आरोपियों ने माना है कि वे तौकीर रजा के बहकावे में आकर पत्थरबाजी में शामिल हुए थे और आगे से ऐसी गलती नहीं करेंगे।
पुलिस और नगर निगम की संयुक्त कार्रवाई में तौकीर रजा से जुड़े अवैध संपत्तियों पर बुलडोजर चलाया गया। इस दौरान नाले पर बने एक शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और अवैध गोदाम को गिराया गया। बताया गया कि उस गोदाम में ई-रिक्शा की अवैध चार्जिंग होती थी। खास बात यह है कि पहली बार तौकीर रजा के नजदीकी रिश्तेदारों की संपत्तियों पर बुलडोजर चला।
हिंसा के दौरान दंगाइयों ने पुलिस की राइफल लूट ली थी। तलाश के दौरान शिवगंज थाना क्षेत्र में चेकिंग के वक्त पुलिस ने दो आरोपियों को रोका तो उन्होंने फायरिंग कर दी। जवाबी कार्रवाई में दोनों घायल होकर पकड़े गए। उनके पास से दो तमंचे और लूटी गई राइफल बरामद की गई। इनकी पहचान शाहजहांपुर निवासी इदरीश और इकबाल के रूप में हुई है। दोनों के खिलाफ पहले से ही डेढ़ दर्जन से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं।
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पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि दंगों में बिहार और पश्चिम बंगाल के लोग भी शामिल थे। एसएसपी बरेली के अनुसार हिंसा की योजना सोशल मीडिया और व्हाट्सएप ग्रुप पर बनाई गई थी और बाहरी जिलों से दंगाइयों को बुलाया गया था।
डीआईजी के आदेश पर मामले की गहन जांच के लिए एसआईटी गठित की गई है, जिसमें साइबर और फोरेंसिक टीम भी शामिल है। संभावना जताई जा रही है कि जांच के बाद एक बड़े नेटवर्क का खुलासा होगा, जो इस तरह की दंगों की साजिश रचने में शामिल है।