बिहार विधानसभा चुनाव में अब कुछ ही दिन बचे हैं। एनडीए समेत लगभग सभी पार्टियों ने अपने उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है। हालांकि, महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर अभी भी खींचतान जारी है।
ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, महागठबंधन के घटक दलों में वीआईपी पार्टी की स्थिति कमजोर दिखाई दे रही है। इसी बीच भारतीय जनता पार्टी ने आज एक नया चुनावी पोस्टर जारी किया है। इस पोस्टर में महागठबंधन पर व्यंग्य करते हुए उसे “लठ गठबंधन” बताया गया है।
पोस्टर में एक पेड़ पर बैठे पांच कौवों को दिखाया गया है, जो महागठबंधन की पांच पार्टियों — कांग्रेस, आरजेडी, वीआईपी, जेएएमएम और माले — का प्रतीक हैं। बीजेपी का कहना है कि इन पांचों पार्टियों की अंदरूनी स्थिति इसी पोस्टर से समझी जा सकती है।
इधर बिहार के उपमुख्यमंत्री और बीजेपी नेता सम्राट चौधरी का बयान चुनावी माहौल में चर्चा का विषय बना हुआ है। उन्होंने एक जनसभा में कहा,
“अगर कोई व्यक्ति मोहनिया से पटना रात 12 बजे भी सफर करता है तो उसे कोई छूने की हिमाकत नहीं कर सकता। अगर ऐसा हो जाए तो मैं इस्तीफा देने के लिए तैयार हूं।”
सम्राट चौधरी ने कहा कि यह बयान इस बात का संकेत है कि बिहार में गुंडाराज पूरी तरह समाप्त हो चुका है। उन्होंने आगे कहा,
“अब बदला हुआ बिहार है, जहां अपराधी जेल के अंदर हैं और सुशासन की गारंटी है।”
विपक्ष पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा,
“कांग्रेस के नेताओं ने 40 साल तक बिहार को लूटा, और जो बचा-खुचा था उसे लालू यादव ने 15 सालों में लूटा। अब वही लोग रोजगार देने की बात कर रहे हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि महिलाओं के खाते में जो ₹10,000 दिए गए हैं, विपक्ष के नेता उन्हें वापस लेने की बात कर रहे हैं।
“क्या हुआ, उसके बाप का पैसा है क्या? यह मोदी जी और नीतीश जी की सरकार का पैसा है, जो बहनों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए दिया गया है। कोई इसे वापस नहीं ले सकता।”
सम्राट चौधरी ने दावा किया कि अब तक 1 करोड़ 21 लाख परिवारों के खाते में यह राशि पहुंच चुकी है, और आने वाले समय में और भी परिवारों को इसका लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि यह जनता का पैसा है और इस पर जनता का पूरा हक बनता है।