बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। चुनाव आयोग ने राज्य के दो दिवसीय दौरे के बाद घोषणा की है कि बिहार विधानसभा चुनाव 22 नवंबर तक कराए जाएंगे।
आयोग ने पारदर्शिता और मतदाताओं की सुविधा बढ़ाने के लिए कई नई चुनावी सुधार योजनाओं की घोषणा की है। नई व्यवस्था के अनुसार, अब एक मतदान केंद्र पर अधिकतम 1200 मतदाता ही वोट डाल सकेंगे, ताकि भीड़ और अव्यवस्था से बचा जा सके।
इसके अलावा, अब मतदान केंद्रों के अंदर मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति भी दी जाएगी। साथ ही, सभी बूथों पर वेबकास्टिंग की व्यवस्था और ईवीएम पर रंगीन फोटो की सुविधा जोड़ी गई है, ताकि मतदाताओं को उम्मीदवार की पहचान में कोई कठिनाई न हो।
चुनाव आयोग ने यह भी बताया कि अब नए वोटर आईडी कार्ड पहले की तुलना में तेजी से जारी किए जाएंगे, जिससे लोगों को लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
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इन सभी बातों की जानकारी आयोग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से दी। हालांकि, प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आयोग ने विपक्ष के सवालों का जवाब देने से परहेज़ किया। विपक्ष द्वारा लगाए गए आरोपों पर आयोग ने कोई टिप्पणी नहीं की।
अब 6 अक्टूबर को होने वाली आधिकारिक चुनाव तिथियों की घोषणा को लेकर बिहार की सियासत में हलचल तेज हो गई है।
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार का बिहार चुनाव बेहद अहम साबित हो सकता है।
आयोग की प्राथमिकता होगी कि पूरा चुनाव पारदर्शी तरीके से संपन्न हो, ताकि किसी भी प्रकार के संदेह या विवाद की गुंजाइश न रहे।
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