आज के दिन यानी 7 अक्टूबर को पूरे देशभर में महर्षि वाल्मीकि जयंती उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाई जा रही है।
महर्षि वाल्मीकि वही हैं जिन्होंने भगवान श्रीराम के आदर्श जीवन की गाथा लिखी, जिसे हम ‘रामायण’ के नाम से जानते हैं।
रामायण के माध्यम से उन्होंने मानव जीवन के आदर्श, धर्म और सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी। सनातन धर्म से जुड़ा शायद ही कोई व्यक्ति होगा जिसने रामायण की गाथा को न सुना या पढ़ा हो।
इस महान आत्मा की जयंती के शुभ अवसर पर कई राज्यों में सरकारी दफ्तरों, बैंकों और शैक्षणिक संस्थानों में अवकाश की घोषणा की गई है।
दिल्ली, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, उड़ीसा, चंडीगढ़ और हिमाचल प्रदेश में आज सरकारी दफ्तर, बैंक और स्कूल बंद रहेंगे।
वहीं, त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल में लक्ष्मी पूजा के उपलक्ष में बैंक बंद रहेंगे।
देश की राजधानी दिल्ली से लेकर लखनऊ, जयपुर, पटना, भोपाल और बेंगलुरु तक वाल्मीकि समुदाय के लोग अपने गुरुदेव की जयंती बड़े हर्ष और श्रद्धा के साथ मना रहे हैं।
कई स्थानों पर शोभा यात्राओं और धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, कई राज्यपालों और मुख्यमंत्रियों ने देशवासियों को महर्षि वाल्मीकि जयंती की शुभकामनाएं दी हैं।
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कौन थे महर्षि वाल्मीकि?
महर्षि वाल्मीकि को ‘आदि कवि’ यानी पहले कवि के रूप में माना जाता है।
उन्होंने अपने अद्भुत ज्ञान, तप और साधना के बल पर भगवान श्रीराम के जीवन पर आधारित ‘रामायण’ की रचना की थी, जिसे आज भी हिंदू धर्मग्रंथों में सबसे पवित्र और प्रेरणादायक माना जाता है।