उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ कहा है कि कानून हाथ में लेने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी।
योगी ने चेतावनी दी कि आम लोगों पर हमला करने वाले और दुकानों में आग लगाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
उन्होंने दोहराया कि अराजकता किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
सीएम योगी ने कहा कि दंगाइयों को कड़ा सबक सिखाया जाएगा।
साथ ही यह भी कहा कि विकास और कल्याणकारी योजनाओं में बाधा डालने वालों को कोई राहत नहीं मिलेगी।
कानपुर में मौलाना सज्जाद नोमानी का बयान चर्चा में है।उनकी तकरीर को कुछ लोग मोदी-योगी विरोधी संकेत मान रहे हैं।नोमानी ने कहा कि जनता बदलाव चाहती है।उन्होंने चेताया कि लोग कभी भी सड़कों पर उतर सकते हैं।बयान में गुस्सा और असंतोष की झलक भी देखने को मिली।
मध्य प्रदेश के मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने इस बयान को खारिज कर दिया।सारंग ने कहा कि अगर मुसलमानों पर अत्याचार हो रहा होता तो ऐसे बयान संभव नहीं होते।उन्होंने सज्जाद नोमानी को आगाह किया कि गलतफहमी में न रहें और शांति बनाए रखें।
मंत्री ने उनके रुख को “भड़काऊ” करार दिया।साथ ही यह भी कहा कि योगी सरकार धर्म के खिलाफ नहीं बल्कि कानून-व्यवस्था के लिए सख्ती कर रही है।
योगी सरकार के समर्थकों का कहना है कि अतीत में उपद्रवों ने राज्य का विकास रोका था।उनका मानना है कि मौजूदा सरकार दंगाइयों पर सख्त रुख अपनाकर विकास की रफ्तार बनाए रखना चाहती है।सरकार ने स्पष्ट किया है कि शांति चाहने वालों के साथ सहयोग होगा।
लेकिन उपद्रवियों के खिलाफ बुलडोज़र और कठोर कार्रवाई जारी रहेगी।घटनाओं के बाद सुरक्षा बलों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं।
प्रशासन को कहा गया है कि संदिग्ध गतिविधियों पर नज़र रखें।जरूरत पड़ने पर तुरंत शासन को सूचना दें।
विश्लेषकों का मानना है कि बरेली और कानपुर की घटनाओं ने प्रदेश में माहौल गरमा दिया है।
एक ओर विकास और कानून-व्यवस्था का मुद्दा है।
दूसरी ओर समुदायों के बीच संवेदनशीलता और नेताओं के बयान माहौल को प्रभावित कर रहे हैं।
आने वाले दिनों में राजनीतिक दलों और धार्मिक नेताओं की भूमिका अहम मानी जा रही है।