सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग और ई-स्पोर्ट्स से जुड़े नए कानूनी नियमों को तैयार करने का काम शुरू कर दिया है। इसके लिए इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्रालय ने बैंकों, फिनटेक कंपनियों और ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफार्मों सहित कई संबंधित पक्षों से बातचीत शुरू की है।
सूत्रों से पता चला है कि सरकार की योजना संसद के मानसून सत्र में हाल ही में पारित ऑनलाइन गेमिंग बिल को लागू करने से पहले सभी हितधारकों से संवाद करना और उनकी राय जानना है।
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बैठक के दौरान यह स्पष्ट हो गया कि सरकार का इरादा प्रगतिशील कानून बनाने का है, लेकिन जनभावना को प्राथमिकता दी जाएगी। सरकार को अनेक शिकायतें मिली हैं कि ऑनलाइन गेमिंग की लत बच्चों और युवाओं की पढ़ाई और पारिवारिक जीवन पर बुरा असर डाल रही है। कई मामलों में तो यह देखा गया है कि इससे बैंक खातों का खाली होना या आत्महत्या जैसी गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं।
फिर भी, सरकार ने ये भी बताया है कि ई-स्पोर्ट्स को समर्थन दिया जाएगा, क्योंकि इसे एक नई खेल शैली और उद्योग के रूप में देखा जा रहा है। खेल मंत्रालय और इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्रालय के बीच इस दिशा में बातचीत का सिलसिला लगातार जारी है।