जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर इस वर्ष एक बेहद ही अफसोसनाक घटना सामने आई है। बताया जा रहा है कि कल्याण मंत्री के काफिले ने जन्माष्टमी मना रहे लोगों को रौंद दिया। यह भी बताया जा रहा है कि मंत्री जन्माष्टमी के मौके पर आयोजित कीर्तन कार्यक्रम में संलग्न थे।
इसी बीच कल्याण मंत्री का काफिला तेज रफ्तार से गुजरते हुए कुछ लोगों को अपनी चपेट में ले गया, जिससे कई लोग बुरी तरह से जख्मी हो गए। घटना के बाद गुस्साए लोगों ने गाड़ी को दौड़कर आगे से घेर लिया।
हद तो तब हो गई जब मंत्री ने भीड़ से सवाल किया कि क्या इस कीर्तन का परमिशन लिया गया था? इस पर लोगों ने जवाब दिया कि हां, परमिशन लिया गया है। जवाब सुनने के बाद मंत्री मौन साधे रहे। इसके बाद भीड़ ने मंत्री पर एफआईआर दर्ज करने की मांग शुरू कर दी।
मौके पर मौजूद पुलिस हर संभव प्रयास से मंत्री को बचाने की कोशिश करती रही, लेकिन लोगों की बढ़ती संख्या और गुस्से को देखकर आखिरकार मंत्री के खिलाफ एफआईआर दर्ज करनी पड़ी।
घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने आरोप लगाया कि हादसे के बाद मंत्री अपनी गाड़ी से बाहर तक नहीं आए और घायलों की हालत का जायजा लेना उचित नहीं समझा। लोगों का कहना है कि इस तरह के निर्दयी मंत्री के खिलाफ सबसे सख्त कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए, क्योंकि हादसे के बाद उन्होंने घायलों के इलाज के बारे में कुछ भी नहीं सोचा और मौके से भागने का प्रयास किया।